नौकरशाहों ने मंत्रियों के सहयोग से योगी के गड्ढा मुक्त सपने को चूर चूर किया
नौकरशाहों ने मंत्रियों के सहयोग से योगी के
गड्ढा मुक्त सपने को चूर चूर किया
तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री ने बड़े जोर-शोर से ऐलान किया था कि 15 जून तक हमारे प्रदेश की सभी सड़कें
गड्ढामुक्त हो जायेंगी। संम्भवतः मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी ने इसे गंभीरता से
नहीं लिया। सभी को मालूम था कि इतने बड़े प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें तीन महीने में
कैसे गड्ढामुक्त हो जायेंगी ? यद्यपि मुख्यमंत्री के नेक इरादों पर कोई शक नहीं। यहाँ की
सड़कों की दुर्दशा को देखकर कोई भी नया- नया मुख्यमंत्री जो अति संवेदनशील हो और
लोगों की तकलीफ़ से भलीभाँति वाकिफ़ हो अति उत्साह में ऐसा ऐलान कर सकता हैं। जब
उन्होंने समाजवादी सरकार से सत्ता ली होगी तो शायद यही सेाचा होगा कि सड़कों की इस
दुर्दशा के लिए समाजवादी सरकार या इसके पूर्व की सरकारें जिम्मेदार हैं, जिसे वह कम से कम समय में आते ही
ठीक कर लेंगे और अपनी सरकार का एक बड़ा काम बताने में कामयाब हो जायेंगें। पर, उन्होंने यह जानना जरूरी नहीं
समझा कि जो अधिकारी और कर्मचारी सड़क के निर्माण विभाग में नौकरी करते है वे सब तो
वही हैं। पहले वाले। जनता भी वही है जो सड़कों को सरकारी चीज समझती है। अपनी नहीं।
यहाँ तक देखा गया है कि लोग सड़कों को बीचो बीच काटने, नालियॉ बनाने और गड्ढे खोदने में
गुंरेज नहीं करते। मात्र थोड़े से अपने जल-प्रबन्धन के लिए वह गैर कानूनी और अनैतिक
कार्य करते हैं। उन्हें पता है कि उन्हें कोई रोकने वाला नहीं। न कोई दण्ड, न कोई जुर्माना।
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