शायरी

इस फरेबी दुनिया में, मुझे दुनियादारी नही आती !
झूठ को सच साबित करने की मुझे कलाकारी नही आती !!
सुर्खियों में बने रहने की, मुझे चाटुकारी नही आती !
जिसमें सिर्फ मेरा हित हो, मुझे वो समझदारी नही आती !!

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