*उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम, कानपुर का खुला भ्रष्टाचार*
जी हाँ उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम , कानपुर में पिछले कई वर्षों से नियमित प्रबंध
निदेशक की नियुक्ति नहीं हो रही है इसका फायदा प्रबंधक ( कार्मिक) एवं समस्त
कार्मिक विभाग के कर्मी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को प्राथमिकता देते हुए अपने
पुत्रों, पुत्रियों एवं रिश्तेदारों को सारे नियम कायदे ताक पर रखते
हुए शासनादेशों की धज्जियां उड़ाते हुए रेवड़ी की तरह नौकरियां बांटी जबकि १९९४ में
निकले गए ४ दैनिक वेतन भोगी कर्मी लगातार न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं उनकी
नहीं सुनी गई और ना ही किसी सरकार से उन्हें न्याय मिला | अब आप कहेंगे कि श्री सत्यदेव पचौरी जो सम्बंधित विभाग के
मंत्री है और आपके नज़दीकी है उनसे क्यों नही अपनी समस्या कही । मैने तीन बार
शिकायत की सभी साक्ष्य दिए , लेकिन पूर्व के अन्य मंत्रियों की तरह इनकी भी वैसी ही कार्य प्रणाली है । प्रार्थी को श्री सत्य देव पचौरी ने लखनऊ बुलवाया प्रार्थना पत्र पर उन्होंने मुख्य सचिव से रिपोर्ट
मांगी । अब आप समझते होंगे कि प्रमुख सचिव जांच के लिए
सम्बंधित सचिव को लिखेंगे सचिव जांच के लिए प्रबंध निदेशक से रिपोर्ट मांगेंगे, और विगत कई वर्षों से किसी भी प्रबंध निदेशक रेगुलर पोस्टिंग इस विभाग में नही हुई, जिस आई.ए.एस. के पास एक्स्ट्रा चार्ज था वो ज़्यादा
रुचि नही लेता और ना ही वहां रेगुलर बैठता था अतः रिपोर्ट तैयार
करने की ज़िम्मेदारी उन्ही अफसरों पर होती है जिनके खिलाफ चार्ज है और भ्रष्टाचार
में गले तक डूबे हैं | इतना लंबा प्रोसीजर
मंत्री महोदय ने किया जब कि सीधे प्रबंध निदेशक को पत्रावली प्रस्तुत करने को कहते
या सिर्फ उनको ये कहते कि निष्पक्ष जांच करके पत्रावली को उपलब्ध करे शायद ये मामला सुलझ
जाता। अब पीड़ितों के पास यही विकल्प जाता जाता कि मीडिया का सहारा लेते और अपने
बात जन जन तक पहुंचाते । उसमे सफल रहे , धन्यवाद दैनिक हिंदुस्तान के श्री
अभिषेक गुप्ता जी जिन्होंने पूरी बात समझ कर पीड़ितों के
हालात को जन जन तक पहुँचाया ।
मेरा माननीय योगी आदित्य नाथ जी, मुख्य
मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन है कि जब तक पूरा कार्मिक विभाग को नहीं
बदलेंगे ये भ्रष्टाचार फलता फूलता रहेगा साथ ही साथ उत्तर प्रदेश लघु उद्ध्योग
निगम के वित्त नियंत्रक श्री वी. के. राय को भी वहाँ से हटाना चाहिए क्यूंकि इनकी
पास भी दो विभाग के महत्वपूर्ण चार्जे हैं जिसमे सीधे सीधे ऊपर की कमाई होती है और
वो ही उत्तर प्रदेश लघु उद्ध्योग निगम के प्रबंधक कार्मिक हैं उनके होते हुए
निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही संभव नहीं है |
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