शायरी

अपने रब के फ़ैसले पर, भला शक कैसे करुँ !!
सजा दे रहा है गर वो, कुछ तो गुनाह रहा होगा मेरा !!
संकलन:
प्रदीप श्रीवास्तव
ग़ज़ल गायक

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