BHAJAN - MAA KE DWARE CHALO - माँ के द्वारे चलो !
अम्बे सुनती है सबकी पुकार रे
माँ के द्वारे चलो !
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कर दो सब कुछ माँ को अरपन
आज मिलेगा माँ का दर्शन
लेके हाथों में फूलों का हार रे
माँ के द्वारे चलो !
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अम्बे का दरबार निराला,
खुलता यहां क़िस्मत का ताला,
होता पल में वहाँ बेड़ा पार रे,
माँ के द्वारे चलो !
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दे दो अम्बे माँ को अर्ज़ी,
हो जाए जो माँ की मर्ज़ी,
आती वीराने में भी बहार रे,
माँ के द्वारे चलो !
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आओ माँ की ज्योति जगा दें,
पूरी होंगी सारी मुरादें,
माँ का मिलता बच्चों को प्यार रे,
माँ के द्वारे चलो !
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रचयिता - सुशील कानपुरी
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