-:: सिख लोग लंगर के पैसे नहीं लेते ::-
-:: सिख लोग लंगर के पैसे नहीं लेते ::-
एक होटल में एक आदमी दाल रोटी खा रहा था। अच्छे परिवार
का बुज़ुर्ग था। खाने के बाद जब bill देने की बारी आई तो वो बोला की उसका बटुआ घर रह गया है, और वो थोड़ी देर में आकर bill चूका जायेगा।
काउंटर पर बैठे सरदार ने कहा "कोई बात नहीं, जब पैसे आ जाएं तो दे जाना" और वो वहां से चला
गया।
Waiter ने जब ये देखा तो उसने काउंटर पे बैठे सरदार को बताया
कि ये आदमी पहले भी दो तीन hotels में ऐसा कर चुका है, और ये पैसे कभी नहीं भरेगा।
इसपर Hotel के मालिक ने कहा " वो सिर्फ दाल रोटी खाकर गया है, कोई बटर चिकन या कोफ्ते पनीर खाकर नहीं गया। उसने
अय्याशी करने के लिए नहीं, सिर्फ
अपनी भूख मिटाने के लिए खाना खाया है। वो इसे एक होटल नहीं गुरुद्वारा समझकर आया
था, और हम सिख लोग लंगर के पैसे नहीं
लेते।
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