परमहंस स्वामी मंगल दास जी



 

स्वामी मंगल दास के निज का कौन प्रसंग !

हमरे ऐसा दम नहीं ईसुर जेहि के संग !!

= = =

कण कण मे श्री राम हैं, कहते मंगल दास,

करते रघुवर भक्त के, मन मंदिर मे वास !

अमर पूरी मे राम की, खुशबू चारो ओर,

मंगल बेला हर घड़ी, साँझ हो चाहे भोर !

स्वामी मंगल दास की, सच है सारी बात,

चलना इनकी राह पर, थाम के इनका हाथ !

मानवता के धर्म का, जिसने किया प्रचार,

स्वामी मंगल दास वो, कहता है संसार !

राम नाम के मंत्र का, करते रहिए जाप,

कहते मंगल दास जी, मिट जाएँगे पाप !

निर्धन या धनवान हो, निर्बल या बलवान,

स्वामी मंगल दास ने, दिया है सब पर ध्यान !

रौनक़  चारो होर है, चहुं दिस हैं श्री राम,

स्वामी मंगल दास का, अमर रहेगा नाम !

~ सुशील कानपुरी

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