हमने भी उस गुड़िया से बेइंतहा प्यार किया - डॉ आर के सिंह,


बेटियों को समर्पित

उन नन्हे कदमों ने एक सपने का आगाज़ किया,

हमने भी उस गुड़िया से बेइंतहा प्यार किया।


जब डगमगा के चलते थे उसके कदम,

तब हमारी उंगलियों ने उसे सम्भाल दिया।


जिन हाथों ने कभी लिया था सहारा हमारी उंगलियों का,

उन हाथों को मेहंदी ने आज थाम लिया।


जो कदम कभी बढ़े थे इन दहरियों पर, 

उन कदमों ने इन दहरियों को लांघ लिया।


मेरी गुड़िया तू हो जाये कितनी भी दूर हमसे,

वक़्त आने पर हमें तूने ही सहारा दिया।


वक़्त उड़ न जाये पंछीयों की तरह, 

इसलिए उसकी यादों को किताबों में संवार दिया।


आज जब पलटने बैठे उन पुरानी यादों को,

तो हमारी गुड़िया ने हमारे आंसुओं को थाम लिया।


न जाने दुनिया ने फिक्र क्यों की सिर्फ लाडलों की,

जबकी वक़्त गवाह है ज़िंदगी के उस दौर में लाडलियों ने ही पहले हमें याद किया।।


 "Happy Daughter's Day" 


डॉ आर के सिंह,

 

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