BHAJAN - PHOOLON KO CHUN ME MAALAN AISI BANAANAA MAALA - SUSHEEL KANPURI
फूलों को चुन के मालन ऐसी बनाना माला,
भर जाए ख़ुश्बुओं से माँ का भवन निराला !
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अम्बे की प्यारी सूरत, भोली सी
माँ की सूरत,
दर्शन मिलेगा माँ का, मिलने का
हैं मुहूरत,
अम्बे उसे मिलेगी, जो है
नसीब वाला !
भर जाए ख़ुश्बुओं से माँ का भवन निराला !
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दिन हो या चाहे रैना, जागे हैं
मेरे नैना,
अम्बे का रास्ता देखूं, मैं
चाहूँ माँ से कहना,
जीवन में हैं अँधेरा, कर दे ओ
माँ उजाला
भर जाए ख़ुश्बुओं से माँ का भवन निराला !
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जो माँ का है दीवाना, उसने ही
ये है जाना,
बेकार सोना चांदी, ममता का
वो ख़ज़ाना,
माँ के भवन में तू भी, क़िस्मत
का खोल ताला,
भर जाए ख़ुश्बुओं से माँ का भवन निराला !
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रचयिता- सुशील कानपुरी
(कॉपी राइट, सर्वाधिकार
सुरक्षित)
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