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Showing posts from July, 2021

Sufi Kalam_Halki Padey Re Phuhar_हल्की पड़े रे फुहार_Hazrat Manzur Aalam ...

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Sufi Kalam_Halki Padey Re Phuhar_ हल्की पड़े रे फुहार _Hazrat Manzur Aalam Shah 'kalandar Maujshahi हल्की पड़े रे फुहार केवड़िया खुली रखि हो राजा तुम्हरी पगड़िया की बात बड़ी है बनी रखि हो राजा ............. पास तुम्हारे प्रीत की छइयां , तुमसे बनी है बहार नैना हमारे तुमका चितवैं , हम तो हैं दासी तुम्हार केवड़िया खुली रखि हो राजा तुम्हरी पगड़िया की बात बड़ी है बनी रखि हो राजा ............. तोहरे  चरनवाँ की धूर बहुत है , करमवा का मोरे जगाओ बस एक रहिया प्रेम गली की , और नहीं कोई ठाव केवड़िया खुली रखि हो राजा तुम्हरी पगड़िया की बात बड़ी है बनी रखि हो राजा Lyric: Hazrat Manzur Aalam Shah ‘Kalandar Maujshahi’ Singer: Pradeep Srivastava & Group Chorous: Dinesh Singh and Abhishek Jha Dholak: Akhilesh Soni MEHFIL-E-SHAMA 14.07.2021 AT MAUJVILLA, KANPUR SAHEB SMRITI FOUNDATION, KANPUR https://youtu.be/zH 5548 q 2 e 8 U

भारतीय जनता पार्टी - एक राष्ट्रवादी चिंतन

भारतीय जनता पार्टी🚩🚩🚩🚩🚩🚩 पार्टी की स्थापना:-- 6 अप्रैल 1980 पार्टी का चुनाव चिन्ह:-- कमल का फूल भाजपा के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष-- अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष:-- जगत प्रकाश नड्डा भाजपा के मूल सिद्धांत ; 1. एकात्म मानववाद 2. राष्ट्रवाद (हिंदुत्व) 3. लोकतंत्र (आंतरिक) 4. राष्ट्रीय अखंडता 5. मूल्याधारित अर्थनीति पार्टी की वर्तमान स्थिति: १. 12 करोड़ सदस्यों के साथ विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल, २. केंद्र में अपनी सरकार, ३. 20 राज्यों में अपनी या मिली जुली सरकार, ४. 303 सांसद, ५. देश भर में 1000 से अधिक विधायक, यूं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना साल 1980 में हुई थी, लेकिन इसके मूल में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ ही है। जिसके पहले महामंत्री पo दीनदयाल उपाध्याय की मूल अवधारणा अंत्योदय, प्रखर राष्ट्रवाद के सिद्धांतों के साथ निरन्तर आगे बढ़ रही है । भाजपा:-- देश का एकमात्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करने वाला, जनमानस को साथ ले, कार्यकर्ता आधरित, समर्पित कैडर बेस, राजनीतिक संगठन है। इसके मूल

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_6A_20.12.1997_ हुज़ूर साहेब के अमृतवचन

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HUZUR SAHEB KE AMRITWACHAN_6A_20.12.1997 https://youtu.be/zsHem37X2EQ

BASHEER FAROOQI_Mere Dil Se Mere Jazbat Se Khela Na Kare_ मेरे दिल से मे...

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मेरे दिल से मेरे जज़्बात से खेला न करें, आप देखें मगर इस तरह से देखा न करें ! - - - - तेरी आँखों को सलीक़ा तीरंदाजी का है ! लोग ख़ुद लाते हैं दिल अपना निशाने के लिए !! ~ बशीर फ़ारूकी   https://youtu.be/WQZM4Ao9c4s

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_5B_20.12.1997_ हुज़ूर साहेब के अमृतवचन_

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20 .12.1997 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | ‘ साहेब स्मृति फ़ाउनडेशन ’ https://youtu.be/ca_kJKJTB8U

roohe shayari_21.07.2021

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                                                                      बड़ा मलाल है उस हाथ के छूट जाने का जिसे शिद्दत से कभी पकड़ा भी नहीं 2 या रब हमारे वास्ते दुनिया नई बना , तेरे लिए तो कुन से फ़या कुन की बात है ! 3 सफर में कोई किसी के  लिए ठहरता नहीं , ना मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने ! 4 अब मौत से कह दो कि नाराज़गी ख़त्म कर ले , वो बदल गया है जिसके लिये हम जिंदा थे ! 5 तेरी तारीफ में कुछ लफ्ज़ कम पड़ गए , वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम नहीं । 6 चाहे जिधर से गुजरिये , मीठी सी हलचल मचा दीजिये , फिर मत कहना चले भी गये और बताया भी नहीं ! 7 हम तो लिख देते हैं , जो भी दिल में आता है हमारे , आपके दिल को छू जाए तो ' इत्तफाक ' समझिये ! 8 भीग जाती हैं जो पलकें कभी तन्हाई मे , कांप उठता हूँ मेरा दर्द कोई जान न ले ये भी डरता हूं कि ऐसे मे अचानक कोई , मेरी आँखों मे तुझे देख के पहचान न ले 9 एक दरवेश मेरे जिस्म को छू कर बोला , अजीब लाश है , सांस भी लेती है 10 उसकी जीत से होती है ख़ुशी मुझ को , यही जवाब मेरे पास अपनी हार

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_5A_20.12.1997_ हुज़ूर साहेब के अमृतवचन 20.12.1997

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  It’s a very important part of Amritwachan of Huzur Saheb Please listen very peaceful https://youtu.be/Q6misvj1Jj0

एक प्यार ऐसा भी

❇️ एक प्यार ऐसा भी....❇️ नींद की गोलियों की आदी हो चुकी बूढ़ी माँ नींद की गोली के लिए ज़िद कर रही थी। बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी। बहू डॉक्टर थी। बहू सास को नींद की दवा की लत के नुक्सान के बारे में बताते हुए उन्हें गोली नहीं देने पर अड़ी थी। जब बात नहीं बनी तो सास ने गुस्सा दिखाकर नींद की गोली पाने का प्रयास किया। अंत में अपने बेटे को आवाज़ दी। बेटे ने आते ही कहा,'माँ मुहं खोलो। पत्नी ने मना करने पर भी बेटे ने जेब से एक दवा का पत्ता निकाल कर एक छोटी पीली गोली माँ के मुहं में डाल दी। पानी भी पिला दिया। गोली लेते ही आशीर्वाद देती हुई माँ सो गयी।. पत्नी ने कहा , ऐसा नहीं करना चाहिए।' पति ने दवा का पत्ता अपनी पत्नी को दे दिया। विटामिन की गोली का पत्ता देखकर पत्नी के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी। धीरे से बोली आप माँ के साथ चीटिंग करते हो। ''बचपन में माँ ने भी चीटिंग करके कई चीजें खिलाई हैं। पहले वो करती थीं, अब मैं बदला ले रहा हूँ। यह कहते हुए बेटा मुस्कुराने लगा।" - एक प्यार ऐसा भी - 🙏🙏

Happy Birthday Of Rotarian Suneel Shah Of Rotary Atulya , Kanpur_16.07.2021

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_4A_19.12.1997_ हुज़ूर साहेब के अमृतवचन_ 19.12.1997

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जीने का सहारा, HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_4A_19.12.1997_ हुज़ूर साहेब के अमृतवचन https://youtu.be/wBh_5mtzoI8

मोबाइल कैलकुलेटर का फर्क

मोबाइल कैलकुलेटर से संबंधी एक बहुत महत्वपूर्ण जानकारी:- क्या आप ये जानते हैं ? :- यदि नहीं जानते तो मोबाइल का केलकुलेटर V/S सामान्य केलकुलेटर का अंतर जानिये :   _दोनों अलग-अलग सिद्धांत पर परिणाम देते हैं_ कभी भी बड़ी भूल हो सकती हैं !😢 मोबाइल मेमोरी द्वारा BODMAS रूल्स  से क्रमबद्ध केलकुलेशन करता हैं ! परन्तु सामान्य केलकुलेटर हर स्टेज पर ही केलकुलेशन पूरी करके परिणाम देता हैं ! अतः भूल से बचे सामान्य केलकुलेटर से ही काम करने का प्रयास कीजिए !              ----------------- उदाहरण : सामान्य कैलकुलेटर_ 4 + 4 ÷ 4 = 2 मोबाइल कैलकुलेटर_ 4 + 4 ÷ 4 = 5 जाँच करें ..🤔 परिणाम बहुत मनोरंजक सामान्य कैलकुलेटर_ 4 + 4 x 4 = 32              मोबाइल कैलकुलेटर_ 4 + 4 × 4 = 20 यकीन नहीं हो तो कर के देख ले 🤔🤔

सब सुख लहै तुम्हारी सरना

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*🛕 विशेष ज्ञानामृत 🛕* *कौन सी 10 समस्याओं से रक्षा करते हैं हनुमानजी* सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥ अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता। हिन्दू धर्म के सबसे जाग्रत और सर्वशक्तिशाली देवताओं में हनुमानजी की कृपा जिस पर बरसरना शुरू होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। दस दिशाओं और चारों युग में उनका प्रताप है। जो कोई भी व्यक्ति उनसे जुड़ा समझों उसका संकट कटा। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। हनुमानजी इस कलियुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात हैं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम हैं। बहुत से लोग किसी बाबा, गुरु, अन्य देवी-देवता, ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर में भटकते रहते हैं, क्योंकि वे हनुमानजी की भक्ति-शक्ति को नहीं पहचानते। हनुमानजी की भक्ति और हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति खुद को इन 10 तरह की बाधाओं से बचा लेता है। 1. भूत-पिशाच : भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥ अर्थ : जहां महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है,

बरसात में मक्खियां भगाने के उपाय

-:: बरसात में मक्खियाँ भगाने के उपाय ::- बरसात का मौसम हो गया है। इस मौसम में इंफ़ेक्शन और कई बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ने लगता है क्योंकि इस मौसम में मक्खी, मच्छर आदि जंतु तेज़ी से पनपने लगते हैं इसलिए इस मौसम में हर घर में मक्खियों का झुण्ड नज़र आने लगता है। ये मक्खी खाने की चीज़ों पर बैठती है। जिससे पेचिश, टाइफाइड, डायरिया और हैजा जैसी कई बीमारियाँ होने का ख़तरा बना रहता है। बरसात में मक्खियाँ अपने घर से दूर रखने के लिए आस पास साफ़ सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें। कहीं भी जल भराव न होने दें। समय समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी कराएं, ताकि बीमारियाँ आपको छू भी न पाएं। बरसात में मक्खियाँ भगाएँ दादी माँ के नुस्खों में आज हम आपको मक्खियाँ भगाने के कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। 1. तेल  अगर आप मक्खियों से बेहद परेशान हो जाएं तो लैवेंडर का तेल, नीलगिरी का तेल या पुदीने के तेल को घर में छिड़क दें। इन तेल की ख़ुशबू के घर में फैलते ही सारी मक्खियाँ घर से भागने लगेंगी। 2. कपूर बरसात में मक्खियाँ घर में ज़्यादा आ रही हों तो आप कपूर को जला कर सभी कमरों में थोड़ी देर के लिए रख दें। इसकी महक घर में फैलते ही

ROOHE-E-SHAYRI

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                                                                                 1                               इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता कोई समझे तो एक बात कहूँ इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं फ़िराक़ गोरखपुरी 2 हर जूते का भाग्य अलग अलग होता है   कभी-कभी मालिक उसका आपा खोता है ,   रहता पैर में ,   न जाने पहुंचे कब सिर   तक   जिसको जोर की पड़ती , केवल वो   रोता होता है 3 इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता कोई समझे तो एक बात कहूँ इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं फ़िराक़ गोरखपुरी 4 मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ.   एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ..   दुष्यंत 5 जंगल जंगल ढूँढ रहा है मृग अपनी कस्तूरी को , कितना मुश्किल है तय करना खुद से खुद की दूरी को । मैं बन कर  हिरनी फिरती रहूँ तेरी कस्तूरी की खोज मे ! महका तू अपना इश्क़ ज़रा , कि तुझे ढूँढना आसान हो !! - लफ़्ज़ बनारसी 6 कस्तूरी की खुश्बू सबमे है , आप बाहर न ढूंढ़िए , अपनी खुद की पहचानिये , और सबको महका दीजिये ! 7 मुझसे जब भ