GEET_गीत_पहले कंचन हुई, फिर हुई गंधवती काया_Viresh Katyan_22 /12 /2000


आंसू की एक बूँद में गया डूब महासागर,

रुकने को मजबूर हुआ, जन्मो का यायावर,

पहले भाव दिए फिर शब्द दिए फिर छंद दिए,

मैं आभारी संवेदना सने अंतस का हूँ,

- वीरेश कात्यान 

https://youtu.be/HM-hk64uaHw


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