Ye Sar Hai Jhuka Un Kamdmo Par_ ये सर है झुका उन क़दमों पर_Singer Pradee...
ये सर है झुका उन क़दमों पर
ये सर है झुका उन क़दमों पर
ये जान मेरी नज़राना है,
उसे देख के होश नहीं रहता
वो यार अजब मस्ताना है !
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ऐ दिल मेरे दिलदार मेरे,
बिन तेरे कभी हम जी न
सके,
रग रग में बसा है तू मेरे,
इस दिल में तेरा काशाना है !
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मैं यार पुजारी हूँ तेरा,
तू जां है मेरी ऐ मेरे बना,
मेरा कोई नही है तेरे सिवा,
ये दिल तेरा दीवाना है !
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लगने को तू यूँ सौ ऐब लगे
हम रिंद मगर बन कर ही जिए,
साक़ी के क़दम पकडे ही रहे
मयख़ाना फिर मयख़ाना है !
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वो मस्त नज़र साक़ी मेरा,
है मेरी नज़र में मेरा ख़ुदा,
उसे देख के मैं सब भूल गया,
क्या दैरो हरम बुतख़ाना हैं !
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हज़रत मंज़ूर आलम शाह
‘कलंदर मौजशाही’
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