आत्म निरीक्षण



-:: आत्मनिरीक्षण ::-

यदि आप आमतौर पर किसी होटल में चाय पीते समय में अपने घर की तुलना में अधिक मात्रा में चीनी डालते हैं, तो आपके भ्रष्ट होने की सबसे अधिक संभावना है।

यदि आप सार्वजनिक शौचालय में स्वयं के घर से अधिक टॉयलेट पेपर का उपयोग करते हैं, तो आप एक संभावित चोर हैं; यदि अवसर दिया जाए तो आप वह ले लेंगे जो आपका नहीं है।

यदि आप अपने लिये आवश्यकता से अधिक भोजन, जिसे आप समाप्त नहीं कर सकते; केवल इसलिए परोसते हैं क्योंकि कोई और बिल दे रहा है; तो यह आप के लालचीपन को साबित करता है।

यदि आप आमतौर पर कतार को तोड़ कर आगे घुसते हैं तो यह दर्शाता है कि, यदि आपको एक शक्तिशाली पद दिया जाये तो आप अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने की क्षमता रखते हैं।

यदि आप आमतौर पर ट्रैफिक जॉम में ओवरलैप करते हैं या आपमें ट्रैफिक सिग्नल के लिए कोई सम्मान नहीं है; तो आप वह इंसान हैं जिसे यदि किसी सार्वजनिक कार्यालय में पद दिया जाये तो वह आसानी से सार्वजनिक धन का गबन कर लेगा, क्योंकि आपका नैसर्गिक स्वभाव किसी भी प्रकार के नियमों की अवमानना करता है।

यदि आप अपने परिसर से अपशिष्ट या गंदे पानी को प्रबंधित करने के बजाय किसी पड़ोसी के परिसर में प्रवाहित करते हैं, तो आप बुरे व्यवहार वाले और स्वार्थी हैं।

अगर आप इस पोस्ट को पढ़ने के बाद सोचें कि क्या वाकई इन मुद्दों पर बात करना जरूरी था; तो आप बेईमान हैं। आप अपने फायदे के लिए समाज की बुराइयों को छिपाने से नहीं हिचकिचाएंगे।

आइए कोशिश करें कि हम चाहे जिस किसी परिस्थिति में खुद को पायें, फिर भी चरित्रवान बनें।

एक देश उतना ही अच्छा या बुरा होता है, जितना उसके नागरिक उसे बनाते है ।

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