ROOH-E-SHAYARI
राज़ी रहा करो हमेशा खुदा की रज़ा में , आप से भी ज़्यादा लोग , परेशान है इस जहाँ में । - - - - चलो माना के सड़कों पर निकलने की है पाबन्दी मगर इस दिल में आने से बताओ किसने रोका है - असद अजमेरी - - - - न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर , तेरे सामने आने से ज्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है - - - - मुकम्मल कहाँ हुई है जिंदगी कभी किसी की। आदमी कुछ खोता ही रहा कुछ पाने के लिए ।। - - - - किसी के दिल को जोड़ने में इतना मगन थे हम , होश तब आया जब दिल के टुकड़े हो गए - - - - मुझे मालूम है कि मैं उसके बिना जी सकता बस यही हाल उसका भी है , लेकिन किसी गैर के लिए - - - - दिल पर जख्म ऐसे मिले , फूलों पर भी सोया न गया दिल तो जलकर राख हो गया और आंखों से रोया भी न गया - - - नसीहत अच्छी देती है दुनिया अगर दर्द किसी गैर का हो - - - - सारे ईमान बिक जाते हैं शोहरत की होड़ में जो कल तक मेरे थे वो आज किसी और के हो जाते हैं - - - - तुम क्या सिखाओगे मुझे प्यार करने का सलीका , मैंने माँ के एक हाथ से थ