Mushaira - Ghazal - Naam Ujale ka Kabhi PRADEEP SRIVASTAVA NAAM UJA...
नाम उजाले का अँधेरे को
बताया ही नहीं !
बताया ही नहीं !
था दिया घर में मगर मैंने
जलाया ही नहीं !!
जलाया ही नहीं !!
किस तरह होती उन्हे, मेरी मोहब्बत की ख़बर !
मैंने अफ़साना कभी उनको
सुनाया ही नहीं !!
सुनाया ही नहीं !!
- प्रदीप श्रीवास्तव 'रौनक़ कानपुरी'
https://youtu.be/61hlWUitmcA
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