ROOH-E-SHAYRI
वक़्त तकलीफ का ज़रूर है,
लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही
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बुलबुलों गुल न करो मेरे सनम सोते हैं !
तुम तो चले जाओगे वह हम पे सफा होते हैं !!
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आओ कुछ देर मेरी चाहत की छाँव में आराम कर लो,
तुम थक गए होगे शायद मुझसे नफरत करते करते !
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साजिश रची
गई मेरे मरने
के बाद भी !
मुझपे ही मेरे क़त्ल का इलज़ाम आ गया !!
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देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है खवाबों का वज़न कम कीजिये
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हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है,
कुछ ख्वाब अधुरे हैं वर्ना जीना मुझे भी आता है ।
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मुझको शिकस्ते दिल का मज़ा याद आ गया
तुम क्यों उदास हो गये क्या याद आ गया
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दिल को चुरा के यार का अब यूं न जाइये !
नज़राना दे के प्यार का अब यूं ना जाइये !!
गुज़रेगी क्या दीवाने पे सोचा है आपने !
मौसम है ये बहार का अब यूं न जाइये !!
- डी सी पांडे नज़र
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देना है तो निगाह को ऐसी रसाई दे !
मैं देखूँ आईना तो मुझे तू दिखाई दे !!
काश ऐसा तालमेल सुकूत-ओ-सदा मे हो !
उसको पुकारूँ मैं तो उसी को सुनाई दे !!
- कृष्ण बिहारी नूर
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हसरत पूरी न हो तो ना सही;
ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नही ।
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