ROOH-E-SHAYARI
राज़ी रहा करो हमेशा खुदा की रज़ा में,
आप से भी ज़्यादा लोग, परेशान है इस जहाँ में ।
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चलो माना के सड़कों पर निकलने की है पाबन्दी
मगर इस दिल में आने से बताओ किसने रोका है
- असद
अजमेरी
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न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
तेरे सामने आने से ज्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है
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मुकम्मल कहाँ हुई है जिंदगी कभी किसी की।
आदमी कुछ खोता ही रहा कुछ पाने के लिए ।।
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किसी के दिल को जोड़ने में इतना मगन थे हम,
होश तब आया जब दिल के टुकड़े हो गए
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मुझे मालूम है कि मैं उसके बिना जी सकता
बस यही हाल उसका भी है, लेकिन किसी गैर के लिए
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दिल पर जख्म ऐसे मिले, फूलों पर भी सोया न गया
दिल तो जलकर राख हो
गया और आंखों से रोया भी न गया
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नसीहत अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी गैर का
हो
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सारे ईमान बिक जाते हैं शोहरत की होड़ में
जो कल तक मेरे थे वो
आज किसी और के हो जाते हैं
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तुम क्या सिखाओगे मुझे प्यार करने का सलीका,
मैंने माँ के एक हाथ से थप्पड़ तो दूसरे हाथ से रोटी खायी है
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क़त्ल करना तो ठहरी उनकी अदा,
मेरा आह भरना भी ख़ता हो गया !
- फिरोज़
खान अल्फ़ाज़
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बहुत कुछ उसको आता है मुझे कुछ भीनही आता
मोहब्बत में अधूरा
मैं वो नफ़रत में मुकम्मल है
- असद
अजमेरी
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मत हार, लड़ाई बाक़ी है,
जीता न सही, तू क़ाबिल है !
- फिरोज़
खान अल्फ़ाज़
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मिले जो वक़्त कभी बात करके देख ज़रा
फ़क़ीर से भी मुलाक़ात करके देख ज़रा
- असद
अजमेरी
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इज़्ज़त उन्हें मिली वही आख़िर बड़े रहे
जो ख़ाक हो के आप के दर पर पड़े रहे
- वासिफ़' देहलवी
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ग़ज़ब किया, तेरे वादे पे ऐतबार किया
तमाम रात क़यामत का इन्तज़ार किया
न पूछ दिल की हक़ीकत मगर ये कहते हैं
वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया
- दाग़
देहलवी
#Shayari
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मेरी आंखों में ख़्वाब टूटे हैं
कोई किरचें निकाल दे आकर
- असद अजमेरी
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