ROOH-E-SHAYARI_10.08.2020
1
बैठे
हैं महफ़िल में इसी आस में,
वो
निगाहें उठाएँ तो हम सलाम करें
2
मिलने
की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता,
दिल
उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता ।
3
प्यास
ऐसी है के पी जाओं आँखें उसकी
नसीब
ऐसा है के एक झलक भी नहीं
बे
इत्नेहा मोहब्बत कोई हम से सीखें
जिसे
टूट कर चाहा उसे खबर भी नहीं
4
मुझ
पर दोस्तों का प्यार, यूँ ही उधार रहने दो |
बड़ा हसीन है, ये कर्ज, मुझे कर्ज़दार रहने दो ||
5
वो
आँखें जो छलकती हैं, ग़म में,
ख़ुशी में, मेरे लिए |
उन सभी आँखों में सदा, प्यार बेशुमार रहने दो ||
6
मौसम
लाख बदलते रहें, आएँ भले बसंत-पतझड़ |
मेरे यारों को जीवन भर, यूँ ही सदाबहार रहने दो ||
7
महज दोस्ती नहीं ये,बगिया है विश्वास की |
प्यार, स्नेह
के फूलों से, इसे गुलज़ार रहने दो ||
8
वो मस्ती, वो
शरारतें, न तुम भूलों, न हम भूलें |
उम्र बढ़ती है..खूब बढ़े, जवाँ ये किरदार रहने दो
9
एक बाप ने शादी मे आपनी बेटी दे
दी
और लोग ट्रक मे झाँक रहे थे दहेज़ मे क्या आया
10
ना
पाने की खुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है।
ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है।
11
Kabhi
toh kharch kr diya karo khud ko mujh pr
Taki yeh tassali rahe ki Mamuli nahin hain hum
12
हमीं थे सितमगर सताने के काबिल,
हमारा ही दिल था दुखाने के काबिल।
हमीं
से था सीख ये खंजर चलाना,
हमारा
ही सिर था उड़ाने के काबिल।।
13
फूलों
की दुकाने खोलों खुशबु का व्यापार करो,
इश्क
ख़ता है तो ये ख़ता एक बार नहीं सौ बार करो !
14
कभी
हमने भी सोचा था इश्क़ ये नायाब होता है,
फकत
कीमत ना थी कुछ इश्क़ की ये अब एहसास होता है ।
15
खुशियाँ
आये जिन्दगी में तो, चख लेना मिठाई समझकर...
जब
गम आये तो वो भी कभी खा लेना, दवाई
समझकर...!
16
इंसान
ना हंस कर सीखता हैं, ना रो कर सीखता हैं...
ये
तो किसी का होकर या किसी को खोकर सिखता हैं...!!
17
ख्वाहिशों
ने सीखाया कि मचलना कैसे है...
तो
हकीकत ने सीखाया चुप रहकर जीना कैसे है...!!
18
तआरूफ
रोग हो जाए तो उसको भूलना बेहतर
तअल्लुक
बोझ बन जाये तो उसको छोड़ना अच्छा !!
19
अपने
"दिल" की अदालत में भी ,ज़रूर जाएं
सुना है, वहाँ कभी ,गलत फैसले नहीं हुआ करते
20
कर
लिया कीजिए कभी कभी दिल को भी सेनेटाइज,
नफ़रत के वायरस यहां भी जन्म लेते हैं।
21
वो
उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल ही नहीं
दिल
का दौरा क्या पड़ा यह दाग भी धुल गया
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