-: मेरा कोई भी दोस्त बूढ़ा नहीं हुआ :-
-: मेरा कोई भी दोस्त बूढ़ा नहीं हुआ :-
सच्चाई में ढ़ले हैं , सब अब भी मनचले हैं ।
कृपा है सब पे रब की , पर्वत से सब खड़े हैं ।
ना दर्द कोई दिल में , छा जाऐं वो महफिल में ।
वो सबके काम आयें , जो भी हो मुश्किल में ।
नहीं कोई है घमंडी , ना ही पैसे का ग़ुरूर ।
यारों के काम आयें ,बस ये ही इक सुरुर ।
इक दूसरे पे जान ये , छिड़कते हैं सब के सब ।
मिलते ही ये कहेंगे , अबे,अब मिलेगा कब ।
कोई पी रहा है दारू , कोई बन गया है साधू ।
मस्ती में जी रहे हैं , नहीं कोई भी बेकाबू ।
बालों में डाई सबके , काॅलर पे टाई सबके ।
लाली ये दोस्ती की , चेहरे पे छाई सबके ।
बच्चे हैं बराबर के , पर सब ही सयाने हैं ।
हेमा से करीना तक , ये सबके दीवाने हैं ।
हे प्रभु , मेरे ख़ुदा तू , इन सबको स्वस्थ रखना ।
जितने थे कभी पहले , इन्हें और मस्त रखना ।
(मेरा कोई भी दोस्त बूढ़ा नहीं हुआ )
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