SUFI - AYE DASTGEERE BEKASAAN SAABIR WALI SAABIR WALI-~ हज़रत मंज़ूर आलम शाह 'कलंदर मौजशाही'


AYE DASTGEERE BEKASAAN SAABIR WALI SAABIR WALI

ए दस्तगीरे बेकसां साबिर वली साबिर वली !

  बादशाहे दो जहां साबिर वली साबिर वली !!


रहमो करम से आपके सरकार ये दुनिया पली !

जिस पर नज़र की आपने, सर से बला उसक टली !!


साबिर वली साबिर वली

ए दस्तगीरे बेकसां साबिर वली साबिर वली !


महरूम जाता ही नहीं , मंगता जो दर पे आ गया,

दुखियों को मिल जाए करम, ये दर है हर ग़म की दवा !

 

साबिर वली साबिर ली

ए दस्तगीरे बेकसां साबिर वली साबिर वली ! 

गूलर तले जो छाँव है, वो और दुनिया में नहीं,

उस छाँव में ये ख़ाक भी, पहुंचे कभी अर्शे बरीं !


साबिर वली साबिर वली

ए दस्तगीरे बेकसां साबिर वली साबिर वली !


~ हज़रत मंज़ूर आलम शाह

'कलंदर मौजशाही'


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