ANANDESHWAR BABA - आनंदेश्वर धाम,

गंगा तट पर रहती थी, आनंदी इक गाय,

एक जगह पर दूध वो, देती थी बरसाए,

किसी को समझ न कुछ भी आये !

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वो जगह खोदी गई, आये लोग तमाम,

निकला एक शिव लिंग तो, बना है शिव का धाम,

है सच्चा शिव शंकर का नाम !

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आनंदी के नाम से आनन्देश्वर धाम,

आये जो इस धाम में, बनते उसके काम,

है पावन आनन्देश्वर नाम !

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गंगा तट पर है बना, शिव का भवन विशाल,

मेला लगता है यहाँ, सावन में हर साल,

नहीं है शिव की कोई मिसाल,

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जाते हैं जो भी सदा आनंदेश्वर धाम,

वो पाते आनंद हैं, वो पाते आराम,

है सच्चा आनंदेश्वर धाम !

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आनंदेश्वर बाबा का, सच्चा है दरबार,

भक्तों का इस द्वार पर होता है उद्धार,

सभी का होता बड़ा पार !

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सोमवार का दिन चलो, आनंदेश्वर धाम,

भेजा है शिव नाथ ने, मिलने का पैगाम,

संदेसा हम भक्तों के नाम !

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सावन में घिरती घटा, होती जब बरसात,

देते हैं जो मांग लो, मेरे भोले नाथ,

सभी की सुनते हैं शिवनाथ !

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रचना - सुशील कानपुरी

सर्वाधिकार सुरक्षित - प्रदीप श्रीवास्तव   


 

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