पैरों को व्यायाम

कृपया इसे पढ़ना न भूलें !
अपने पैरों को मजबूत रखें !

बुढ़ापे में हमारे पैर हमेशा मजबूत रहने चाहिए। उम्र बढ़ने पर हमें बाल गिरने या खाल लटकने की चिन्ता नहीं करनी चाहिए। अमेरिका की पत्रिका ‘प्रिवेंशन’ द्वारा अधिक उम्र की पहचान में मजबूत पैरों को सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य संकेतों में सबसे ऊपर स्थान दिया गया है। यदि आप दो सप्ताह तक अपने पैरों को नहीं हिलाते, तो आपके पैरों की शक्ति 10 वर्ष कम हो जाएगी।

डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय द्वारा किये गये एक अध्ययन से पता चला है कि बूढे और जवान सभी में दो सप्ताह तक निष्क्रिय रहने पर पैरों की माँसपेशियाँ एक तिहाई तक कमजोर हो जाती हैं, जो उम्र में 20-30 वर्ष की कमी के बराबर है। जब हमारे पैरों की माँसपेशियाँ कमजोर होती हैं, तो उनको वापस प्राप्त करने में बहुत समय लगता है, भले ही हम बाद में व्यायाम आदि करते रहें। इसलिए नियमित व्यायाम जैसे टहलना बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारे शरीर का सारा वजन पैरों पर आता है। हमारे पैर खम्भों की तरह होते हैं, जो मानव शरीर का सारा बोझ उठाते हैं। रोचक बात यह है कि एक व्यक्ति की हड्डियों का 50 प्रतिशत और माँसपेशियों का भी 50 प्रतिशत भाग केवल दो पैरों में होता है। जोड़ों और हड्डियों में सबसे बड़े और मजबूत भी पैरों में होते हैं। 

मजबूत हड्डियाँ, मजबूत माँसपेशियाँ और लचीले जोड़ एक ‘लौह त्रिकोण’ बनाते हैं, जिन पर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण बोझ पड़ता है। 70 प्रतिशत मानव गतिविधि और ऊर्जा का क्षय दोनों पैरों द्वारा ही किया जाता है। 

*क्या आप जानते हैं?*

जब कोई व्यक्ति जवान होता है, तो उसकी जाँघों में इतनी शक्ति होती है कि वे एक छोटी कार को भी उठा सकती हैं। पैर शरीर के संचालन का केन्द्र होता हैं। मानव शरीर की 50 प्रतिशत नाड़ियाँ और 50 प्रतिशत रक्तकोष पैरों में होते हैं और 50 प्रतिशत रक्त उनमें होकर बहता है। यह शरीर को जोड़ने वाला सबसे बड़ा संचार नेटवर्क है। 

यदि पैर स्वस्थ हैं, तो ही रक्त का प्रवाह भली प्रकार से होता है, इसलिए जिन लोगों के पैरों की माँसपेशियाँ मजबूत होती हैं, उनका हृदय निश्चित रूप से मजबूत होता है।

उम्र का बढ़ना पैरों से ऊपर की ओर चलता है। जब मनुष्य की उम्र बढ़ती है तो मस्तिष्क और पैरों के बीच निर्देशों के संचार की गति और शुद्धता जवानी की तुलना में कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त तथाकथित हड्डी की खाद कैल्शियम की मात्रा समय के साथ कम हो जाती है, जिससे उम्र बढ़ने पर व्यक्ति में हड्डी का फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़़ जाता है। 

अधिक उम्र के लोगों में फ्रैक्चरों से अनेक समस्यायें सरलता से पैदा हो जाती हैं, विशेष रूप से घातक बीमारियाँ जैसे मस्तिष्क में थक्का जमना। क्या आप जानते हैं कि अधिक उम्र के 15 प्रतिशत रोगी जाँघ की हड्डी टूटने के एक वर्ष के अन्दर मर जाते हैं? 

पैरों का व्यायाम करने में कभी देरी नहीं होती, 60 वर्ष की उम्र के बाद भी आप इसे प्रारम्भ कर सकते हैं। हालांकि समय के साथ हमारे पैरों की उम्र भी बढ़ती है, लेकिन पैरों का व्यायाम जीवन भर करते रहना चाहिए। केवल अपने पैरों को मजबूत करके ही हम अपनी उम्र अधिक तेजी से बढ़ने से रोक सकते हैं।

इसलिए कृपया प्रतिदिन कम से कम 30-40 मिनट चलिए ताकि आपके पैरों का पर्याप्त व्यायाम हो जाये और आपके पैरों की माँसपेशियाँ स्वस्थ रहें।

(इस जानकारी को अपने अधिक उम्र वाले मित्रों तथा परिवारियों के साथ साझा कीजिए।)*

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH