BHAJAN-शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन,
SHIV BHAJAN
शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन,
मेरा रोम रोम आज गाने लगा,
बीते बरसों बरस, कब मिलेंगे दरस,
आस के दीप मन में जलाने लगा !
शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन
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मन की अभिलाष है, नैनो में प्यास है,
योगी कैलाश का मन रिझाने लगा,
उसका कर्पूरी तन, और गुलाबी चरन,
मेरी अंखियों की निंदिया चुराने लगा
मेरा रोम रोम आज गाने लगा,
शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन,
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सत्य का रूप शिव, छाँव और धूप शिव,
मैं शिवाला हृदय में बनाने लगा,
पुष्प श्रद्धा खिले, एक झलक ही मिले,
भावना शिन्धु में ज्व़ार आने लगा,
मेरा रोम रोम आज गाने लगा,
शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन,
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ये परीक्षा कड़ी, वेदना है बड़ी,
अब तो धीरज मेरा डगमगाने लगा,
खोज प्लाया नहीं, तुम छिपे हो कहीं,
तुमको व्याकुल हृदय ये बुलाने लगा,
मेरा रोम रोम आज गाने लगा,
शिव से लागी लगन, भक्ति में मन मगन,
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कापी राईट - PRADEEP
SRIVASTAVA
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