Ghazal - Jhoney Sawan Ki Purwai Ke झोंके सावन की पुरवाई की, बादलों से ये...

मुशायरा

झोंके सावन की पुरवाई की, बादलों से ये कहने लगे,

ख़्वाब बन कर मोहब्बत का हम, तेरी आँखों में रहने लगे !

बस गए उनकी आँखों में हम, सीप के मोतियों की तरह,

मीर की शायरी की तरह, उसके होटों पे रहने लगे !

- शरफ़ नानापारवी

https://youtu.be/MZrML8lDm4Q


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