Mushaira - Geet - Maine Ve Din Bhi Dekhe Hain मैंने वे दिन भी देखें हैं ...
चाहत है मेरे मन की, आँखों मे तुम सदा रहो
कभी घटा बन कर छाओ तो, पुरवाई सा कभी बहो
नहीं जलेंगे पाँव रेत मे, धूप तराने गाएगी
गर तुम सांस सांस मे महको, कस्तूरी की व्यथा कहो
गीतकार - लोकेश शुक्ला
https://youtu.be/uKxeEEpB0R8
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