प्राइवेट नौकरी के सबक
प्राइवेट नौकरी के सबक...!!!
1- ये मानकर चलिए कि नौकरी 50 की उम्र तक ही रहेगी..अगर उसके बाद भी जॉब है तो ये आपकी खुशकिस्मती है लेकिन वर्तमान का खर्च और भविष्य की प्लानिंग 50 साल के हिसाब से ही करें..
2- इस गलतफहमी में मत रहिए कि मुझे काम आता है इसलिए मैं कंपनी के लिए Indispensable हूं..आप कंपनी के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितने OKay में AY..99.99% केस में कर्मचारी के जाने से कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ता..कंपनी के लिए आप कितने उपयोगी हैं ये बहुत हद तक बॉस के नज़रिए पर निर्भर करता है
3- बॉस को गाली देने से कोई फायदा नहीं है..यकीन मानिए बॉस होना आसान नहीं है..बहुत ज्यादा दबाव होता है..बॉस को 24 घंटे कंपनी के बारे में सोचना होता है..उसकी भी ज़िंदगी में नरक रहती है..आम तौर पर बॉस को गाली वही देते हैं जो कामचोर होते हैं..
4- बचत ज़रूर करिए..नौकरी शुरू होने के साथ ही बचत और निवेश करना भी शुरू करें..याद रखे निवेश सिर्फ शेयर मार्केट में नहीं होता..सेफ ऑप्शन भी चुन सकते हैं..सैलरी ज्यादा है तो इसका ये मतलब नहीं है कि खर्च भी अनाप-शनाप किया जाए..सैलरी ज्यादा का मतलब बचत और निवेश ज्यादा भी हो सकता है
5- घर और गाड़ी अब विलासिता नहीं जरूरत हैं..इसलिए इन्हें खरीदें जरूर..लेकिन कोशिश की जाए कि ज़िंदगी EMI के दुष्चक्र में ना फंस जाए..EMI जितनी जल्द से जल्द निपट जाए उतना अच्छा..लायबिलिटी जितनी ज्यादा होगी..नौकरी की टेंशन उतनी ही ज्यादा होगी..कुछ ऊंच-नीच (नौकरी जाना) हो गया तो उस सूरत में ये लायबिलिटीज़ अपने मूल आकार से 10 गुना ज्यादा बड़ी लगती हैं
6- अगर मुमकिन हो या आय का दूसरा स्रोत या प्लान-B हमेशा तैयार रखें..नौकरी में रहने के दौरान आपको लग सकता है कि अमुक कंपनी में मेरे पहचान का बंदा है..कुछ इमरजेंसी हो गई तो मदद कर देगा लेकिन यकीन मानिए अगर सड़क पर आ गए तो कोई मदद नहीं करेगा..ये जरूरी नहीं है कि आपकी पहचान का बंदा मदद नहीं करना चाहता..हो सकता है उसकी जेनुइन प्रॉब्लम हो..उसके हाथ में कुछ ना हो..
7- ऑफिस में डांट सभी खाते हैं..थोड़ा अपसेट होना स्वभाविक है..कोशिश करें कि ऑफिस का तनाव घर ना ले जाएं..
8- मुमकिन हो तो साल में एक बार घूमने ज़रूर जाएं..De Stress और Refresh होने में बहुत मदद मिलती है
9- साल में एक बार घर (गांव) हर हाल में जाएं..गांव से सम्पर्क कभी ना तोड़ें..कभी भी झोला-झिमटा समेट कर गांव जाना पड़ सकता है..
10- अगर नौकरी चली जाए तो इस ठसक में मत रहिए कि मैं पुरानी कंपनी में बड़ा काम करता था..इसलिए नई जगह भी मुझे वैसा ही काम मिले..जितने नखरे करेंगे..जितना टाइम बीतता जाएगा..नई नौकरी मिलने के चांस उतने ही कम होते जाएंगे..खाली दिमाग शैतान का घर वाली कहावत सौ फीसदी सही है..खाली वक्त काटने को दौड़ता है..
नोट - सबसे ज़रूरी..सेहत का ख्याल रखें..याद रखिए..जब तक आप हैं..तभी तक आपके लिए ये दुनिया है..स्वस्थ रहेंगे तो कुछ करने का विकल्प हमेशा मौजूद रहेगा..
1- ये मानकर चलिए कि नौकरी 50 की उम्र तक ही रहेगी..अगर उसके बाद भी जॉब है तो ये आपकी खुशकिस्मती है लेकिन वर्तमान का खर्च और भविष्य की प्लानिंग 50 साल के हिसाब से ही करें..
2- इस गलतफहमी में मत रहिए कि मुझे काम आता है इसलिए मैं कंपनी के लिए Indispensable हूं..आप कंपनी के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितने OKay में AY..99.99% केस में कर्मचारी के जाने से कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ता..कंपनी के लिए आप कितने उपयोगी हैं ये बहुत हद तक बॉस के नज़रिए पर निर्भर करता है
3- बॉस को गाली देने से कोई फायदा नहीं है..यकीन मानिए बॉस होना आसान नहीं है..बहुत ज्यादा दबाव होता है..बॉस को 24 घंटे कंपनी के बारे में सोचना होता है..उसकी भी ज़िंदगी में नरक रहती है..आम तौर पर बॉस को गाली वही देते हैं जो कामचोर होते हैं..
4- बचत ज़रूर करिए..नौकरी शुरू होने के साथ ही बचत और निवेश करना भी शुरू करें..याद रखे निवेश सिर्फ शेयर मार्केट में नहीं होता..सेफ ऑप्शन भी चुन सकते हैं..सैलरी ज्यादा है तो इसका ये मतलब नहीं है कि खर्च भी अनाप-शनाप किया जाए..सैलरी ज्यादा का मतलब बचत और निवेश ज्यादा भी हो सकता है
5- घर और गाड़ी अब विलासिता नहीं जरूरत हैं..इसलिए इन्हें खरीदें जरूर..लेकिन कोशिश की जाए कि ज़िंदगी EMI के दुष्चक्र में ना फंस जाए..EMI जितनी जल्द से जल्द निपट जाए उतना अच्छा..लायबिलिटी जितनी ज्यादा होगी..नौकरी की टेंशन उतनी ही ज्यादा होगी..कुछ ऊंच-नीच (नौकरी जाना) हो गया तो उस सूरत में ये लायबिलिटीज़ अपने मूल आकार से 10 गुना ज्यादा बड़ी लगती हैं
6- अगर मुमकिन हो या आय का दूसरा स्रोत या प्लान-B हमेशा तैयार रखें..नौकरी में रहने के दौरान आपको लग सकता है कि अमुक कंपनी में मेरे पहचान का बंदा है..कुछ इमरजेंसी हो गई तो मदद कर देगा लेकिन यकीन मानिए अगर सड़क पर आ गए तो कोई मदद नहीं करेगा..ये जरूरी नहीं है कि आपकी पहचान का बंदा मदद नहीं करना चाहता..हो सकता है उसकी जेनुइन प्रॉब्लम हो..उसके हाथ में कुछ ना हो..
7- ऑफिस में डांट सभी खाते हैं..थोड़ा अपसेट होना स्वभाविक है..कोशिश करें कि ऑफिस का तनाव घर ना ले जाएं..
8- मुमकिन हो तो साल में एक बार घूमने ज़रूर जाएं..De Stress और Refresh होने में बहुत मदद मिलती है
9- साल में एक बार घर (गांव) हर हाल में जाएं..गांव से सम्पर्क कभी ना तोड़ें..कभी भी झोला-झिमटा समेट कर गांव जाना पड़ सकता है..
10- अगर नौकरी चली जाए तो इस ठसक में मत रहिए कि मैं पुरानी कंपनी में बड़ा काम करता था..इसलिए नई जगह भी मुझे वैसा ही काम मिले..जितने नखरे करेंगे..जितना टाइम बीतता जाएगा..नई नौकरी मिलने के चांस उतने ही कम होते जाएंगे..खाली दिमाग शैतान का घर वाली कहावत सौ फीसदी सही है..खाली वक्त काटने को दौड़ता है..
नोट - सबसे ज़रूरी..सेहत का ख्याल रखें..याद रखिए..जब तक आप हैं..तभी तक आपके लिए ये दुनिया है..स्वस्थ रहेंगे तो कुछ करने का विकल्प हमेशा मौजूद रहेगा..
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