SHAYARI
इशक़़
ईमा है मेरा , इशक़
अकीदा मेरा
इशक़
छूटे भी तो कैसे है वज़ीफा मेरा
असद
अजमेरी
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बुरे में
अच्छा ढूँढो तो कोई बात बने
अच्छे में "बुराई" ढूँढना तो दुनिया का रिवाज है
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रिश्ते वक़्त की कमी से नहीं,,,
अहसासों की कमी से बिखरते हैं
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अगर नये रिश्ते न बने तो, मलाल मत करना ;
पुराने टूट ना जायें,बस इतना ख्याल रखना ।
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छोटे थे
हर बात भुल जाया करते थे
दुनिया
कहती थी कि याद रखना सीखो
बड़े हुए
अब हर बात याद रहती हैं
तो
दुनिया कहती है कि भूलना सीखो
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कुछ लोग
अपने दिल का बहुत ख्याल रखते है
इधर नही
लगता तो उधर लगा देते है
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ख़ुदा की ज़ात का जो शख़्स काइल हो नहीं सकता !
सुकूने दिल उसे दुनिया में हासिल हो नहीं सकता !!
समझता हूँ तेरी चालों को अच्छी तरह ए दुनिया !
मैं तेरे चाहने वालों में शामिल हो नहीं सकता !!
~ हाफ़िज़ अब्दुल रहमान
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नाराज़गी
बेतकलुफी शिकायत अपनी जगह
साहब इश्क
अपनी जगह
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जिन्हें चलना सिखाया वही खेल खिलाने लगे !
न थी औकात जिनकी वही आँखे दिखाने लगे !!
~लक्ष्मण दावानी
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