shayari


 सुप्रभात,

ख़िज़ा के ऋतु में गुलाब लहजा बना के रखना कमाल ये है, 

हवा की ज़द पे दिया जलाना जला के रखना कमाल ये है ।  

ज़रा सी लग़्ज़िश पे तोड़ देते हैं सब ताअल्लुक़ ज़माने वाले,

तो ऐसे में ऐसे लोगों से भी ताल्लुक बना के रखना कमाल ये है ।

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH