मित्रों से संपर्क बनाकर रखिए


 

एक बार एक बंदर को उदासी के कारण मरने की इच्छा हुई, तो उसने एक सोते हुए शेर के कान खींच लिये।

शेर उठा और गुस्से से दहाड़ा-

किसने किया ये..? किसने अपनी मौत बुलायी है..?”

बंदर: "मैं हूँ महाराज। दोस्तो के अभाव में अत्याधिक उदास हूँ,

मरना चाहता हूँ, आप मुझे खा लीजिये।"

शेर ने हँसते हुए पूछा- मेरे कान खीँचते हुए तुम्हें किसी ने देखा क्या..?”

बंदर: "नहीं महाराज..."

शेर: "ठीक है, एक दो बार और खीँचो, बहुत ही अच्छा लगता है.... !!"

इस कहानी का सार

अकेले रह-रह कर जंगल का राजा भी बोर हो जाता है।

इसलिए अपने दोस्तों के संपर्क में रहें, कान खीँचते- खिचाते रहे, पंगा लेते रहे...।

सुस्त न रहे, मस्ती करते रहें..!

आप सभी भी अपने मित्रों से संपर्क बनाकर रखिए

विश्वास कीजिए आपका मन सदा ही प्रफुल्लित और आप सदैव स्वस्थ रहेंगे

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