Kabhi Kaha Na Kisi Se Tere Fasane Ko - Rooh-E-Shayari
रूह-ए-शायरी - 1
शायर - क़मर जलालवी
KABHI KAHAA NA KISI SE TERE FASANE KO
कभी कहा न किसी से तेरे फ़साने
को,
को,
न जाने कैसे ख़बर हो गई ज़माने को
।
।
प्रस्तुति - प्रदीप श्रीवास्तव
# +919984555545
https://youtu.be/bXZpRl7SJxw
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