नकद भुगतान एवं आयकर कानून
नकद भुगतान एवं आयकर कानून
राजीव कुमार अग्रवाल एडवोकेट फतेहपुर
भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 40 ए (3) के तहत प्रत्येक व्यक्ति, एकल स्वामित्व फर्म, पार्टनरशिप फर्म और कम्पनी द्वारा किसी भी व्यावसायिक खर्च या माल खरीद के सम्बन्ध में एक दिन में एक व्यक्ति को 10,000/- दस हज़ार से अधिक नकद या बेयरर चेक से भुगतान करने पर आय की गणना करते समय उक्त खर्च या खरीद की कोई छूट नहीं मिलेगी (कुछ विशिष्ट परिस्थितियों व् कृषि सम्बन्धी मामलों को छोड़कर) और ट्रक भाड़े के सम्बन्ध में दस हज़ार की जगह 35,000/- रुपये तक के नकद भुगतान की छूट है |
🖋️इस सम्बन्ध में विशेष ध्यान देने योग्य बात ये है कि कुछ करदाताओं द्वारा अपनी आय को कम करने के उद्देश्य से 10,000/- दस हज़ार से ज्यादा नकद भुगतान किये गए खर्चों को प्रतिदिन 10,000/- से कम दिखाकर बुक्स ऑफ़ एकाउंट्स में प्रविष्टि कर दी जाती है जिससे इनकी छूट मिल सके लेकिन उक्त नकद खर्चों को टुकड़ों में दिखाना 01/04/2020 से आपको इससे भी बड़ी परेशानी में डाल सकता है क्योंकि धारा 271 एएडी के तहत बही खातों में गलत प्रविष्टि करने पर 100% की पेनल्टी लग सकती है
कई मामलों में खरीद या खर्चों के बिल जो कि दस हज़ार से ज्यादा के होते हैं और करदाता द्वारा उक्त पूरे बिल का भुगतान नकद में किया जाता है लेकिन बिना किसी सबूत के अर्थात अलग अलग तारिख की प्राप्ति रसीद या अकाउंट कन्फर्मेशन), नकद भुगतान को अलग अलग तारीखों में 10 हज़ार से कम दिखाकर उक्त खर्चों की छूट ले ली जाती है और सामान्यतया ऑडिट के दौरान भी उक्त खर्चों को केवल सेल्फ मेड वाउचर के आधार पर allow कर दिया जाता है|
🖋️इसके अतिरिक्त कुछ करदाता वेतन, किराये व् अन्य मासिक खर्चों का भुगतान प्रतिमाह 10,000 से ज्यादा होने पर माह में एक से अधिक बार भुगतान दिखा देते हैं लेकिन उचित प्रमाण / रसीद के बिना उक्त खर्चों को साबित करना मुश्किल हो सकता है|
🖋️उपरोक्त परिस्थिति में 10 हज़ार से कम भुगतान साबित नहीं होने पर आयकर विभाग द्वारा धारा 40 ए (3) के तहत पूरा खर्चा DISALLOW करने के साथ साथ धारा 271 एएडी के तहत बही खातों में गलत प्रविष्टि करने पर 100% अमाउंट की पेनल्टी भी लग सकती है, अतः बिना उचित दस्तावेजी सबूतों के 10 हज़ार से अधिक के बिलों का बहीखातों में टुकड़ों में प्रविष्टि करने से बचें और 10 हज़ार से ज्यादा के बिलों का भुगतान बैंकिंग चैनल के माध्यम से ही करें ।
* राजीव कुमार अग्रवाल एडवोकेट फतेहपुर*
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