ज़िंदगी और कुछ भी नहीं ,
तेरी मेरी कहानी है
https://youtu.be/u0W0H8k-cSg
किसको मन के घाव दिखाएँ, हाल सुनाएँ जी के !
इंसानो से ज़्यादा अच्छे पत्थर किसी नदी के ! !
हर कंधे पे सौ सौ चेहरे, गिनती क्या एक दो की !
रावण से ज़्यादा ख़तरे हैं, इस बीसवीं सदी के !!
~ सूर्य भानु गुप्ता
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ताहा अब मर जाइए ओढ़ प्रेम की सौंढ !
कभी तो पिया पूछिहें कौन मुहा इस ठौड़
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ताहा अब मर जाइए ओढ़ प्रेम की सौंढ !
कभी तो पिया पूछिहें कौन मुहा इस ठौड़
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