Mushaira - Ghazlen - Ajeeb Rang Teri Chasm-e-Iltifat Ke hain / Maikashon...



ग़ज़ल
मकशों की लग्ज़िशें नाज़ से न
टालिए !
आप ने पिलाई है आप ही
सम्हालिए !!
दिल को मोह लेने के और रुख़
निकालिये !
पत्थरों के शहर में आईने न
ढालिए !!
- हक़ कानपुरी

https://youtu.be/HKkQL92aNBc

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