Sufi - Fagun Maas Suhawan ho - फागुन मास सुहावन हो कब अइहो रामा - Pradee...
सूफ़ी कलाम
फागुन मास सुहावन हो, चित लागै न रामा !
जिए की मन आस बड़ी है कब
अईहो रामा !!
अईहो रामा !!
रचयिता - हज़रत मंज़ूर आलम
शाह 'कलंदर मौजशाही'
शाह 'कलंदर मौजशाही'
स्वर - प्रदीप श्रीवास्तव
व् साथी
व् साथी
https://youtu.be/htJ9B16hJb4
Comments
Post a Comment