ROOH-E-SHAYARI

गुज़रे हुए वक़्त को ये जानता है !
हिलाता है ये दुम कुछ जानता है !!
निगाहें फेरने वाले इधर देख !
तेरा कुत्ता मुझे पहचानता है !!
- - - -
सुनाती है जिसे दुनिया असद मैं वो कहानी हूँ

मेरी  पहचान है इतनी के मै हिन्दोस्तानी हूँ
- असद अजमेरी
- - - -
पतंग कट भी जाये मेरी ,तो कोई परवाह नही

आरजू इतनी ही है मेरी जाके उनके घर गिरे
-- - -
डोर, चरखी, पतंग सब कुछ था...
बस उनके घर की तरफ़ हवा न चली...
- - - -
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर
मैं थक गया हर सांस तुम्हें याद करते करते
- - - -

उसने जो अब छत पर आना छोड़ दिया,
हमने भी फिर पतँग उड़ाना छोड़ दिया।
- - - -
कभी है ढेरों खुशियाँ तो, कभी गम बेहिसाब हैं 
इम्तिहानों से भरी जिन्दगी   इसीलिए लाजवाब है !!
- - --
दो चार लफ्ज़ ले के मुहब्बत के मै क्या करू
देनी है तो मुहब्बत की मुकम्मल किताब दे ..!!
- - - -

- - - -
प्यार सबसे किया नहीं जाता !
दिल हर एक को दिया नहीं जाता !!
चाक दामां तो सिल भी सकता है !
ज़ख्म दिल का सिया नहीं जाता !!
- - - -
सोच रहा हूँ शराब पर एक किताब लिखूँ।
और जो नहीं पीते उन्हें खराब लिखूँ।।
- - - -
जो लोग नहीं पीते हैं |
पता नहीं कैसे जीते हैं ||
- - - -

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH