Raunq Kanpuri: गीत - जीने की बात क्या करूँ । मरने के ढंग देखना ॥...

Raunq Kanpuri: गीत - जीने की बात क्या करूँ । मरने के ढंग देखना ॥...:           गीत  जीने की बात क्या करूँ ।  मरने के ढंग देखना ॥  हवा बही बहकी बहकी सुबह हुई और तरह की  साँसों में तैरती तपन  आग अभी दहकी...

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