GHAZAL-इंसानियत की राह दिखाओ तो बात है । ~ फ़ारुक़ जायसी

इंसानियत की राह दिखाओ तो बात है ।
आतंकवाद जड़ से मिटाओ तो बात है ॥

दुनिया से दहशतों को मिटाने के वास्ते ।
सब लोग अपने हाथ बढाओ तो बात है !!

नफ़रत के बीज बो के भी क्या मिल गया तुम्हे ।
अब प्रेम के दरख़्त लगाओ तो बात है ॥

अब तो क़त्लो-ख़ून से अपने को रोक लें ।
तुम सितम से बाज़ जो आओ तो बात है ॥

सदभावना के फूल खिलें जिससे चारो सिम्त ।
ऐसी नदी वतन में बहाओ तो बात है ॥

एक ही तरह के फूलों से सजता है कब चमन ।
हर रंग के जो फूल खिलाओ तो बात है ॥

फ़ारुक़ आग आग से बुझती नहीं कभीं ।
लोगों शरारे जंग बुझाओ तो बात है ॥
~ फ़ारुक़ जायसी 

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