Jo Pathar Dil Bhi Guzrega Udhar Se जो पत्थर दिल भी गुज़रेगा उधर से - ALK...
Ghazal
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जो पत्थर दिल भी गुज़रेगा
उधर से,
उधर से,
पिघल जाएगा उसकी एक नज़र
से ।
से ।
कशिश उसमे कोई तो है
यक़ीनन,
यक़ीनन,
मुझे निस्बात है कि उसके
ही दर से ।
ही दर से ।
https://youtu.be/JTh0gL-a2uA
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