ROOH-E-SHAYARI ( AAJ KE SHER)
1
हुस्न के कसीदे तो गढ़ती रहेगी महफिलें ।
झुर्रियां भी प्यारी लगें तो मान लिया इश्क़ है ॥
2
सफर ज़िन्दगी का बहुत ही हसीन है,
सभी को किसी न किसी की तालाश है,
किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं,
और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।
सभी को किसी न किसी की तालाश है,
किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं,
और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।
3
कैसे
कह दूँ मेरी दुआ बेअसर हो गई
मैंने
जब जब उसको याद किया उसे खबर हो गई .
4
खुली
सड़कें और घर में पूरा परिवार देखा है;
बरसों
बाद आज पहले जैसा इतवार देखा है!!
5
रात
को उठ न सका, दरवाज़े की दस्तक पे,
सुबह
बहोत रोया, तेरे पैरों के निशां देखकर!
6
सच
तो ये है भरम ज़्यादा है,
बेवजह
पेचो ख़म ज़्यादा है |
तेरी
बातो में तंज़ है यारा ,
और
तेरी क़सम ज़्यादा है |
मुंसिफ़ा
! उनपे हो नज़र अबके
जिनके
हिस्से में कम ज़्यादा है |
छा
रहा है ये अब हवासो पर
ज़िक्रे
दीन ओ धरम ज़्यादा है |
ख़र्च
कर ख़ुद को एहतियातो से
तू
अभी ताज़ा दम ज़्यादा है |
- नुसरत मेहदी
7
कलम
की बानगी भी काबिले तारीफ है
जज्बातों
को बेहतरीन आवाज दे जाती है
8
मेरी
लिखी बात को हर कोई समझ नहीं पाता क्योंकि,
मैं
'एहसास' लिखता हूं लोग 'अल्फाज' पढ़ते हैं
9
मोहब्बत
और मुकद्दर में बरसों का जिद्द का रिश्ता है
मोहब्बत
जब होती है तो मुकद्दर रूठ ही जाता है
10
ख्वाब
टूटे है मगर हौसले जिंदा है
हम
वो हैं जहां मुश्किलें शर्मिंदा है
11
खूबसूरत
सी जिंदगी का बहतरीन पन्ना हो तुम
ख्वाब
ही सही मगर मेरी तमन्ना हो तुम
12
तुम
इजहार तो करो,
हाँ
करने की जिम्मेदारी मेरी
13
एक
उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में
एक
आस में एक काश में
लड़खड़ाना
तो शराब की फितरत है गालिब
पिये
तो शराबी लड़खड़ाए, ना पिये तो सरकार
14
इस
चमन की मुस्काती हर एक जवानी ज़िंदाबाद !
इन
नयनों को मदमाती हर एक कहानी ज़िन्दाबाद !!
देख
जिसे भँवरे भूल रहे अपना गुंजन करना !
दुर्दिन
मे भी खिलती ऐसी रवानी ज़िन्दाबाद !!
- राजेश गुप्ता 'बादल'
15
जब
भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ
दुआ करते हुए ख़्वाब में आ जाती है...
16
मैं
वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी
तू
वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं
- सुल्तान अख़्तर
17
आंखों
में, आपका कोई करिश्मा जरुर है
आप
जिसको देख ले, वो बहकता
जरूर है
18
नींद
से क्या शिकवा जो आती नहीं
कसूर
तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नहीं देता
19
हो
गई हो भूल तो दिल से माफ़ कर देना !
सुना
है सोने के बाद हर किसी की सुबह नहीं होती !!
20
उन्होंने
भी हमें बस एक दिए की तरह समझा !
रात
गहरी हुई तो जला दिया सुबह हुई तो बुझा दिया !!
21
जब
जमीन से इन्साननियत जायगी
तब
आसमान से आफत आयगी
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