ROOH-E-SHAYARI

1
चिराग हो ते न हो दिल जला के रखते हैं,
हम आँधियों में भी तेवर बला के रखते हैं !
हस्तीमल हस्ती
2
क्यों पुकारे उसे की लौट आओ क्या उसे खबर नहीं है
कि मेरे पास उसके सिवा कुछ भी नहीं

गुलजार साहब
3
तुम लिखोगे हम जबाब देगें।
क्या यूँ ही समय गुजार देगें।
मिलने का कुछ तो करो बहाना।
साधन तो हम निकल लेंगे।
4
 रिश्ते निभाना हर किसी के, बस की बात नहीं दोस्तो,
अपना दिल भी दुखाना पड़ता है, किसी और की ख़ुशी के लिए !
5
माँगना ही छोड़ दिया हमने वक़्त किसी से !
क्या पता उनके पास इंकार का भी वक़्त न हो !!
6
 रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,
थक कर न बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
7
बजी न मंदिर में घड़ियाली,
चढ़ी न प्रतिमा पर माला,
बैठा अपने भवन मुअज्ज़िन,
देकर मस्जिद में ताला,
लुटे ख़जाने नरपितयों के,
गिरीं गढ़ों की दीवारें,
रहें मुबारक पीनेवाले,
खुली रहे यह मधुशाला’..
8
सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की
उसे क्या मिटाए गी गर्दिशे  जमाने की
9
 ख़ुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की
खिड़की खुली है फिर कोई उन के मकान की
हारे हुए परिंद ज़रा उड़ के देख तू
आ जाएगी ज़मीन पे छत आसमान की
ज्यूँ लूट लें कहार ही दुल्हन की पालकी
हालत यही है आज कल हिन्दोस्तान की
नीरज से बढ़ के और धनी कौन है यहाँ
उस के हृदय में पीर है सारे जहान की
10
 मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,
लटका विद्यालय पर ताला !
सरकारों को खूब भा रही ,
धन बरसाती मधुशाला !!

डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,
लाकडाउन को धो डाला !
भक्तों के व्याकुल हृदयों पर
रस बरसाती मधुशाला ।।

बन्द रहेंगे मंदिर मस्ज़िद ,
खुली रहेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है ,
सोच रहा ऊपरवाला।।

नशा मुक्त हो जाता भारत
तो कैसे चलती मधुशाला
व्यवसाय रुका है उन गरीबों का,
जो नोट की जपते थे माला।।

नहीं मिल रहा राशन पानी,
मगर मिलेगी मधुशाला।
भाड़ में जाए जनता बेचारी,
दर्द में है पीने वाला।।

आपत्ति नहीं जताओ कोई,
खुलने दो ये मधुशाला।
कोराना मुक्त होगा भारत,
जब ठेके पर चलेंगे त्रिशूल और भाला।।

मेरी विनती है तुम सब से,
गर जाए कोई मधुशाला।
वापिस ना आने दो उसको,
तुम बंद करो घर का ताला।।

दुनिया है बरबाद,
और इन्हे चाहिए मधुशाला।
11
ग़लतफहमी में जीने का मज़ा कुछ और ही है
वरना हकीकतें तो अक्सर रुला देती है
12
 खुद लड़खड़ा जाऊंगा
लेकिन अर्थव्यवस्था नही लड़खड़ाने दूंगा
13
 अपनी कीमत उतनी ही रखिए जो अदा हो सके
अगर अनमोल हो गए तो तन्हा हो जाएंगे



















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