ROOH=E=SHAYARI आज के २१ शेर


1
साहिल के सुकून से किसे इंकार है लेकिन,
तूफ़ान से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है ! 
2
तसल्ली दिल को मिल जाये मुझे भी चैन आ जाये !
किसी दिन झूठ ही कह दो मैं तुमको याद आता हूँ !!
- असद अजमेरी
3
कौन याद आया ये महकारें कहाँ से आ गईं
दश्त में ख़ुशबू की बौछारें कहाँ से आ गईं
रख दिया किसने मेरे शाने पे अपना गर्म हाथ
मुझ शिकस्ता-पा में रफ्त़ारें कहाँ से आ गईं
- ज़फ़र गोरखपुरी
4
पेपर में सवाल आया था,बेवफाई पर,
तेरे सलूक ने मुझे,टापर बना दिया
पेपर में सवाल आया था,बेवफाई पर,
तेरे सलूक ने मुझे,टापर बना दिया
5

शायरी में सिमटते कहाँ है दिल का हाल दोस्तों
बहला रहे हैं ख़ुद को ज़रा काग़ज़ों के साथ
6
ना जाने कौन सा नश्शा है उनपे छाया हुआ ।
क़दम कहीं पे हैं पड़ते कहीं पे चलते हैं ।।
~ बेकल उत्साही
7
दीदार की तलब हो तो नजरें जमाए रख
क्योंकि नकाब हो या नसीब, सरकता जरूर है
8
वक़्त तकलीफ का ज़रूर है,
लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही
9
देना है तो निगाह को ऐसी रसाई दे !
मैं देखूँ आईना तो मुझे तू दिखाई दे !!
काश ऐसा तालमेल सुकूत-ओ-सदा मे हो !
उसको पुकारूँ मैं तो उसी को सुनाई दे !!
- कृष्ण बिहारी नूर
10
घर गुलज़ार,सूने शहर,
बस्ती बस्ती मे क़ैद हर हस्ती हो गई
आज फिर ज़िंदगी महँगी
और दौलत सस्ती हो गई !
11
शम्मां ए मुहब्बत जलाओ तो कोई बात बने,
आपसी भाईचारा बढ़ाओ तो कोई बात बने !
वो जो फैला रहे वतन में नफरत के अँधेरे,
ज़रा उनको भी समझाओ तो कोई बात बने !!
- सरफ़राज़ भारतीय
12
मेरी गली के बच्चे बहुत शरारती है,,
आज फिर तुम्हारा नाम..मेरी दीवार पर लिख गये
13
दिल तो पहले ही जुदा थे यहाँ बस्ती वालो
क्या क़यामत है कि अब हाथ मिलाने से गए
14
चला जा यहाँ से चला जा कोरोना !
डराने  से  तेरे  ना  हर  गिज़  डरेंगे !!
ये  भारत है  पगले यहाँ  करके दंगे !
हम  हिन्दू मुसलमान ख़ुद ही मरेंगे !!
- असद अजमेरी
15
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,
कोई रुठे तो उसे मनाना सीखो
रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से,
बस उन्हे खूबसूरती से निभाना सीखों।
16
पकड़ लो हाथ मेरा प्रभु,जगत में भीड़ भारी है |
कही मैं खो न जाऊ,जिम्मेदारी ये तुम्हारी हैं |
17
जो रोये हैं उन्हें हँसाना.
जो रूठे  हैं उन्हें मनाना,
जो बिछड़े  हैं तुम उन्हें मिलाना,
प्यारी सुबह  तुम जब भी आना,
18
नजर लक्ष्य पर थी, गिरे और संभलते रहे,
हवाओं ने पूरा ज़ोर लगा दिया, फ़िर भी चिराग़ जलते रहे ll
19
सीने में समंदर के लावे सा सुलगता हूँ |
मैं तेरी इनायत की बारिश को तरसता हूँ ||
चन्दन सा बदन उसका ख़ुश्बू का समंदर था |
एक बार छुआ लेकिन अब तक मैं महकता हूँ ||
20
आज अजीब किस्सा देखा हमने खुदकुशी का
एक शख्स ने जिंदगी से तंग आकर मोहब्बत कर ली
21
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो
प्यार का ताल्लुक भी क्या अजीब है
आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो

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