ROOH-E-SHAYARI

1
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
~क़तील शिफ़ाई
2
महफूज है दिल में तेरे इश्क का फसाना
आंखों से पढ़ लिया करो,  क्या जरूरी है बताना
3
खुदा महफूज रखे आपको तीन बालाओं से
वकीलों से,  हसीनों से, हसीनों की निगाहों से
4

मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं दोस्तों

इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो...
5
मिज़ाज में थोड़ी सख़्ती लाज़मी है साहब
लोग पी जाते समंदर अगर खारा न होता
6

दम दम हरी किरपा करी, मौला अली दुःख दारुनम
जग सरवरी बखियागरी, तुझसा नहीं देखा करम

मुख्य चन्द्रनम मृग लोचनम, माधव सदा सुखदा परम
वह रूप में उस नाथ के, हम दीन के भय भंजनम

सर्वोपरि चारागरी, बरसी घटा रहमत भरी
ताजेशही सर पर धरे मौला अली भव तारुनम

मुश्किल कुशा जो हो दया जी जाएगा बंदा तेरा
भगवान् दीन अनाथ के, हे दीनबन्धु शतशत नवम

शक्ति महा दानी महा, महिमा तेरी क्या हो बयां
मौला मेरी विनती सुनो, रखना सदा रहमोकरम
- हज़रत मंज़ूर आलम शाह
'कलंदर मौजशाही'
7
ये इश्क़ हैं जनाब #इसमें क्या #बचपन क्या पच्चपन।
#जिस्म छोड़ो रूहे तक जवान  हो जाती हैं इसमें।।
8
नींद के रास्ते खुले हैं अभी भी
मिलना चाहो अगर तुम  ख्वाबों में आ जाना
9
हमारी राह से पत्थर उठा कर फेंक मत देना
लगी हैं ठोकरें तब जा के चलना सीख पाए हैं
~ नफ़स अम्बालवी
10
मैंने मोहब्बत के नशे में आकर उसे खुदा बना डाला
होश तब आया जब उसने कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता
गालिब
11
गालिब ने यह कहकर तोड़ दी तस्वीह (माला)
गिन कर नाम क्यों लूं उसका जो बेहिसाब देता है
12
गिरते हैं, संभालते हैं, ए जिंदगी
तेरे जोशो ज़ुनू से हम फिर से उठ के चलते हैं
13
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता
बशीर बद्र
14
आता है मेरे दिल को, आराम मयकदे में |
गुज़री तभी तो मेरी, हर शाम मयकदे में ||
~ प्रदीप श्रीवास्तव 'रौनक़ कानपुरी'
15
होंठों पर एक शरारती मुस्कान रखते है,
हम आज भी थोड़ा बचपन साथ रखते है,
16
उम्र का तो काम है ही बढ़ते जाना,
ये कमबख्त दिल ही है जो हमें जवान रखता है
17
यादो के दरख्तो में मैंने कभी पतझड़ नहीं देखा
हर रोज चुपके से निकल आते है नये   पत्ते
                                  18
महफूज़ सारे बादशाह वज़ीर और शहजादे हैं .
जो तूफानों को झेल रहे.....सारे के सारे प्यादे हैं
19
सफर ज़िन्दगी का बहुत ही हसीन है,
सभी को किसी न किसी की तालाश है,
किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं,
और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।
20
मेरे ऐब तो ज़माने में उजागर है,
फिक्र वो करें जिनके गुनाह पर्दे में है |
21
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
~ क़तील शिफ़ाई

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

Kavi Gopal Ji Shukla_Yaad Rahey Patni Do Dhari Talwar Hai_याद रहे पत्नी ...

गुरुदेव मेट्रो स्टेशन,कानपुर से कानपुर यूनिवर्सिटी तक सड़क का बद्द्तर हाल...