Ghazal-DEKHA TO THA YUN HI-Sahir Ludhiyanvi
DEKHA TO THA YUN HI
देखा तो था यूँ ही
देखा तो था यूँ ही किसी ग़फ़लतशिआर ने,
दीवाना कर दिया दिल-ए-बे-इख़्तियार
ने ।
तुझको ख़बर नहीं मगर बे-इख़्तियार ने,
बरबाद कर दिया तेरे दो दिन के प्यार ने।
मैं और तुमसे तर्क़े-मुहब्बत की आरज़ू,
दीवाना कर दिया है ग़मे-रोज़गार ने।
अब आरज़ू के धुंधले ख़्वाबों जवाब दो,
किस किसकी याद आई थी मुझको पुकारने।
अब ऐ दिल-ए-तबाह तेरा क्या ख़याल है,
हम तो चले थे काकुले-गेती सँवारने।
- साहिर लुधियानवी
ग़फ़लतशिआर- असावधान, दिल-ए-बे-इख़्तियार-निरकुंश हृदय,
सादालोह - नेक, सीधा सादा, तर्क़े-मुहब्बत-प्रेम संबंधों की समाप्ति,
ग़मे-रोज़गार-दुनिया के दुःख, दिल-ए-तबाह - बरबाद हृदय ,
काकुले-गेती - घुंघराले केश
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