ROOH-E-SHAYARI ( aaj ki shayari )
1
पहले नजरे उठायीं फिर जुल्फे लहराई , फिर धीरे से मुस्कुरा दिए !
बड़ा जालिम रुखसार था वो ,तीनो खंजर एक साथ चला दिए !!
2
मेरी गली से गुजरा पर घर तक नही आया ;
अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला।
3
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे 'शफ़क़'
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे
- फ़ारूक़ शफ़क़
4
'जमाल' हर शहर से है प्यारा
वो शहर मुझ को
जहाँ से देखा था पहली बार आसमान मैं ने
- जमाल एहसानी
5
देखते हैं बे-नियाज़ाना गुज़र सकते नहीं !
कितने जीते इसलिए होंगे कि मर सकते नहीं !!
- महबूब ख़िज़ां
6
ढल जाती है हर चीज़ वक्त पे अपने !
एक दोस्ती है जो कभी बूढ़ी नहीं होती !!
7
बहुत मसरूफ रहने लगे हैं हम !
जबसे उनकी यादों का दफ़्तर खुला है !!
8
ज़ख़्म महकेंगे तो आहों में भी असर आएगा !
रफ़्ता-रफ़्ता शेर कहने का हुनर भी आएगा !!
9
अभी तो साथ चलना है समंदरों की लहरों मॆं !
किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है !!
10
तुम मुकर जाओ अब खुदा केलिये !
मुझसे अब और इश्क़ नहीं होता !
11
हमारे पास जो कुछ था वो सब छीना मोहब्बत ने !!
मगर जो दर्द था पहले अभी तक वो सलामत है !!
~असद अजमेरी
12
वक्त भी चलता रहा, जिन्दगी सिमटती गई !
दोस्त बढ़ते गए लेकिन दोस्ती घटती गई !!
-13
तुम मुकर जाओ अब खुदा केलिये !
मुझसे अब और इश्क़ नहीं होता !!
14मिल जाता है दो पल का सुकून,
बंद आँखों की बंदगी में
वरना थोड़ा-थोड़ा परेशां तो,
हर शख़्स है अपनी जिंदगी में !
15
फलक देता है जिनको ऐश उनको गम भी होते हैं !
जहां बजते
हैं नक्कारे वहां मातम भी होते हैं !!
-दाग
16
जिन्हे चन्दन समझते थे वो साँपो के घराने हैँ
!
समझना है बड़ा मुश्किल कि अपने हैँ बेगाने हैँ !!
वो बस्ती मे न घुस पाएं ,बस्ती ख़राब कर देंगे !
खुदा उनको वही रक्खे,जहां उनके ठिकाने हैं !!
~ निर्मल तिवारी
17
जश्न-ए-ज़िदगी में तो सभी हँसते हैं ए दोस्त !
लेकिन जिगर चाहिए तन्हाईयों में मुस्कुराने के
लिये !!
18
लम्हा लम्हा उनकी याद का हमारे ज़हन में दर्ज़
है !
उनकी मोहोब्बत ही दिल का इलाज़ है, उनकी मोहोब्बत ही दिल का मर्ज़
है !!
19
लोगों को तब फ़र्क पड़ना शुरू हो जाता है !
जब आपको किसी बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता !!
20
एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती !
और एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है !!
21
अधिक दूर देखने की चाहत में !
बहुत कुछ पास से गुजर जाता है !!
Comments
Post a Comment