GHAZAL YE ZAMANA HAME MILKAR NAHI RAHNE DEGA- SHABANA SHABNAM

GHAZAL
YE ZAMANA HAME MILKAR NAHI RAHNE DEGA

ये ज़माना हमे मिलकर नहीं रहने देगा,
चैन से यानि सितमगर नहीं रहने देगा।
जब भी बीते हुये लम्हों का ख़्याल आयेगा,
कोई नग्मा मेरे लब पर नहीं रहने देगा ।
आपकी चश्मे-इनायत का इशारा मुझको,
मेरा ईमान है दर दर नहीं रहने देगा ।
जिंदगी अपनी सफ़र मे ही गुज़र जायेगी,
घर मुझे मेरा मुक़द्दर नहीं रहने देगा ।
तेरे होठों पे आयेगी हंसी ऐ शबनम,
वक़्त आँखों मे समंदर नहीं रहने देगा ।
- शबाना शबनम 

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH