Sufi - Bada Dilruba Hai Hamara Kanhaiya ~ हज़रत मंज़ूर आलम शाह "कलंदर मौजशाही"
Bada Dilruba Hai Hamara Kanhaiya
बड़ा दिलरुबा है हमारा कन्हैया !
हमें छीनता है हमारा कन्हैया !!
हवा मुश्को अम्बर से महकी चली है !
हमें जब मिला है हमारा कन्हैया !!
ये मुरली की लै है कि बरछी कटारी !
जिगर छेदता है हमारा कन्हैया !!
ये पनघट पे आ के
डगर रोकता है !
बड़ा मनचला है हमारा कन्हैया !!
अगर हाथ आये तो बेमोल ले लो !
जुनूं बेचता
कन्हैया !!
~ हज़रत
मंज़ूर आलम शाह "कलंदर मौजशाही"
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