SHABANA SHABNAM - JAHAAN BHI KISI PAR BHAROSAA HUA HAI



JAHAAN BHI KISI PAR BHAROSAA HUA HAI

जहां भी किसी पर भरोसा हुआ है,
वहीं प्यार का काफ़िला लुटगया है।
जहां प्यार का नक़्शे-पा मिल गया है,
वहीं पर निगाहों ने सजदा  किया है ।
निकल आए  हैं दुश्मनों के भी आँसू,
मेरे ग़म का जिस वक़्त किस्सा सुना है ।
रहे-इश्क़ मे आये जब जब अंधेरे,
तेरे ज़ख्मे दिल ने उजाला किया है ।
करी जिसकी ताउम्र शबनम ने पूजा,
उसी ने इसे आज ठुकरा दिया है ।
- शबाना शबनम

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