SUFI KALAM - आदाबे मोहब्बत के अंदाssज़ बड़े होंगे !
आदाबे मोहब्बत के अंदाssज़ बड़े होंगे !
वो मेरे कलेजे के शीशे में जड़े होंगे !!
साक़ी तेरे क़दमोंss पे जो रिन्द पड़े होंगे !
इस सारे ज़माने में वह लोग बड़े होंगे !!
हम यादे सनम करके एक उम्र गुज़ार आये !
अब तेरी तरफ़ काबा क्या आके खड़े होंगे !!
जब तेरा करम पाके बीमार जिया होगा !
उस रोज़ मसीहा भी हैरत में पड़े होंगे !!
दुनिया भी समझ लेगी उस रोज़ वफ़ा उनकी !
ये अहले वफ़ा जिस दिन मक़तल में खड़े होंगे !!
- हज़रत मंज़ूर आलम शाह 'कलंदर
मौजशाही'
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