SUFI KALAM - AYE JALWA-E-JANANAA TERI KHAIR TERI KHAIR-ए जल्व-ए-जानाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर |


AYE JALWA-E-JANANAA TERI KHAIR TERI KHAIR

 जल्व-ए-जानाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर |
ए जज्बे फ़कीराना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||

हर रंग में वो जलवा कि बस देख के रह जाये |
ए दिलबर मस्ताना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||

उस दर से है निस्बत तो ये सर भी है सलामत |
संगे दरे जानाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||

बेकस कि नज़र तेरी तरफ लम्हा बा लम्हा |
माँगा करे दीवाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||

मैं डूब गया ता बा क़दम भूलूंगा कैसे |
ए रंगे परीखाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||

मैखाने में जो कुछ है सब अहसान है तेरा |
ये जाम ये पैमाना तेरी ख़ैर तेरी ख़ैर ||
~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH