Sufi - Kanha Tumhri Leela Nyari -कान्हा तुम्हरी लीला न्यारी - Lyric - H...
आए बजायो जमना तट पर
रस मे डूबी बांसुरी
कान्हा तुम्हरी लीला न्यारी न्यारी रे हरी
- - - -
रंग सलोना साँवरिया का,
मतवारे नैना चमके हैं
एक कशिश मोहक बेताबी,
दिल अंदर सीने से खिंचे है
नन्द लला की बलइयाँ लेने,
कितने गोपिन नैन जुड़े हैं
माखन चोर से विनती करे को
कितने सखा कर जोड़े खड़े हैं
कान्हा तुमहरी लीला न्यारी, न्यारी रे
https://youtu.be/Yt-caiiBy9g
Comments
Post a Comment